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HIV एड्स एक्ट 2017 के तहत भेदभाव के दोषी पाए जाने पर सजा के रूप में तीन महीने से लेकर दो साल तक की जेल और एक लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। 3. HIV एड्स एक्ट 2017 के अनुसार, किसी मरीज को उसकी सहमति के बिना एचआईवी टेस्ट या किसी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।